#कैमूर भारत प्रांत के बिहार राज्य का एक जिला है। यहां का प्राशासनिक मुख्यालय भभुआ है। माँ मुंडेश्वरी मन्दिर, करकटगढ़ जलप्रपात, तेल्हाड़ कुंड,पर्वत और कैमूर वन्यजीव अभ्यारण यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है। इसके अलावा रामगढ़ गाँव, चैनपुर, भगवानपुर, भभुआ, वैद्यनाथ और हरशू ब्रह्म मंदिर आदि भी यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल है। चट्टानों पर हुई चित्रकारी कैमूर की एक बड़ी खोज है। इन चित्रों का सम्बन्ध मैसोलिथिक काल से है। माना जाता है कि यह चित्रकारी 5000 ई.पू. से 2500 ई.पू. के समय की है। इनमें से कई चित्र जानवरों के बने हुए हैं। कैमूर जिला में मां मुंडेश्वरी का अदभुत मंदिर हैं जिसके चलते यहां काफी पर्यटक आते जाते रहते हैं मां मुंडेश्वरी का मंदिर विश्व का सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक हैं। यहां का इतिहास और झरने काफी मनमोहक लगते हैं।।
#भूगोल
इसका जिला मुख्यालय भभुआ है। कर्मनाशा और दुर्गावती यहां की दो प्रमुख नदियां है। ऐतिहासिक द़ष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। कैमूर जिला बिहार के बक्सर जिला एवं उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला के दक्षिण, झारखंड के गढ़वा जिले के उत्तर, उत्तर प्रदेश के चन्दौली एवं मिर्जापुर जिले के पूरब और बिहार के रोहतास जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है। पूर्व में यह रोहतास जिला का अंग था।
#आकर्षण
मुंडेश्वरी मंदिर, जिले के रामगढ़ गाँव में पंवरा पहाड़ी पर स्थित है जिसकी ऊँचाई लगभग 600 फीट है Iवर्ष 1812 ई0 से लेकर 1904 ई0 के बीच ब्रिटिश यात्री आर.एन.मार्टिन, फ्रांसिस बुकानन और ब्लाक ने इस मंदिर का भ्रमण किया था Iपुरातत्वविदों के अनुसार यहाँ से प्राप्त शिलालेख 389 ई0 के बीच का है जो इसकी पुरानता को दर्शाता है I मुण्डेश्वरी भवानीके मंदिर के नक्काशी और मूर्तियों उतरगुप्तकालीन है I यह पत्थर से बना हुआ अष्टकोणीय मंदिर है I इस मंदिर के पूर्वी खंड में देवी मुण्डेश्वरी की पत्थर से भव्य व प्राचीन मूर्ति मुख्य आकर्षण का केंद्र है I माँ वाराही रूप में विराजमान है, जिनका वाहन महिष है I मंदिर में प्रवेश के चार द्वार हैं जिसमे एक को बंद कर दिया गया है और एक अर्ध्द्वर है I इस मंदिर के मध्य भाग में पंचमुखी शिवलिंग स्थापित है I जिस पत्थर से यह पंचमुखी शिवलिंग निर्मित किया गया है उसमे सूर्य की स्थिति के साथ साथ पत्थर का रंग भी बदलता रहता है I मुख्य मंदिर के पश्चिम में पूर्वाभिमुख विशाल नंदी की मूर्ति है, जो आज भी अक्षुण्ण है I यहाँ पशु बलि में बकरा तो चढ़ाया जाता है परंतु उसका वध नहीं किया जाता है I बलि की यह सात्विक परंपरा पुरे भारतवर्ष में अन्यत्र कहीं नहीं है ।
#चैनपुर
भभुआ मुख्यालय के पश्चिम से 11 किलोमीटर की दूरी पर चैनपुर स्थित है। यहाँ पर #हरसू_ब्रह्म नाम का एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर भी है। कहा जाता है कि राजा शालीवाहन के पुजारी हरशू पांडे ने अपने घर की रक्षा में इसी जगह पर अपने प्राण गवाएं थे। हरसू ब्रह्म का अपना विशिष्ट महत्व है जिनकी कृपा से मानव जनित तमाम प्रकार की बाधाएं और देव श्राप का शमन.दमन शीघ्र हो जाता है।
यहां बख्तियार खान का स्मारक है। कहा जाता है कि बख्तियार खान का विवाह शेरशाह की पुत्री से हुआ था। चैनपुर स्थित किले का निर्माण सूरी अथवा अकबर काल के दौरान हुआ था, इसी स्मारक के पश्चिम में मुस्लिम दरगाह असमकोटी हैं।
#तेल्हाड़_कुंड
तेलहार कुंड भभुआ जिला से २७ किलोमीटर दूरी पर स्थित है, जो की अधौरा के रास्ते में है | मुख्यः रूप से यह एक झरना है जहाँ पहाड़ो से होकर आने वाली पानी गिरता है। यह जलप्रपात यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। खासकर मॉनसून के दौरान यहां की खूबसूरत देखने लायक होती है।
यहां का आसपास का प्राकृतिक माहौल सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। तेलहार कुंड दुर्गावती नदी के काफी निकट स्थित है।
#भगवानपुर
कैमूर पर्वत के समीप स्थित भगवानपुर भभुआ के दक्षिण से 11 किलोमीटर की दूरी पर है। कहा जाता है कि यह स्थान चन्द्रसेन सारन सिंह की शक्ति का केन्द्र हुआ करता था। राजा शलिवाहन ने इस क्षेत्र को शेर सिंह से जीत लिया था। लेकिन बाद में अकबर के शासनकाल के दौरान उन्होंने इस क्षेत्र पर पुन: विजय प्राप्त कर ली थी।
#रामगढ़_गाँव
रामगढ़ गांव सुंदर पहाड़, झरना, झील और जिले की शान मुंडेश्वरी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण एक ऊंचे पर्वत पर समुद्र तल से लगभग 600 फीट की ऊंचाई पर किया गया है। यहां से कुछ पुरातत्वीय अभिलेख भी प्राप्त हुए थे, जिनका काफी महत्व माना जाता है। यह काफी प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 635 ई. में किया गया था।
#अधौरा
यह जगह समुद्र तल से 2000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। अधौरा, भभुआ से 58 किलोमीटर की दूरी पर है। पर्वतों और जंगलों से घिरे इस स्थल की खूबसूरती देखने लायक है। यहीं कारण है कि काफी संख्या में पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं।
#बैजनाथ
बैजनाथ गांव रामगढ़ खण्ड मुख्यालय के दक्षिण से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पर एक अति प्राचीन शिव मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण प्रतिहार वंश ने करवाया था। इस मंदिर में कई प्राचीन सिक्के और अनेक महत्वपूर्ण वस्तुएं मौजूद है। बैजनाथ में स्थित शिव मंदिर का शिखर एक शिला को तराश कर बनाया गया है
#करकट_गढ़_जलप्रपात
कैमूर की पहाड़ियां कई खूबसूरत जलप्रपातों का घर भी मानी जाती है। आप यहां करकट जलप्रपात की सैर का प्लान बना सकते हैं। यहां वीकेंड पर दूर-दूर से सैलानी मौज मस्ती करने और पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। पर्यटक यहां बोटिंग, स्विमिंग, फिशिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद उठा सकते हैं। यह जलप्रपात कैमूर वन्यजीव अभयारण्य के पास स्थित है। करकट जलप्रपात चारों तरफ से प्राकृतिक खूबसूरती से भरा हुआ है। आप यहां आसपास ट्रेकिंग का भी अनुभव ले सकते हैं। इसके अलावा यहां का प्राकृतिक माहौल आत्मिक और मानसिक शांति का अनोखा अनुभव प्रदान करता है।
#कैमूर_वन्यजीव_अभयारण्य
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां की प्रसिद्ध कैमूर वन्यजीव अभयारण्य की सैर का आनंद ले सकते है। यह अभयारण्य भभुआ नगर के पास स्थित है, जहां आप विभिन्न वनस्पतियों और कई जीव-जन्तुओं की प्रजातियों को देख सकते हैं। यह अभयारण्य लगभग 1342 वर्ग कि.मी में फैला है। जंगली जीवों में आप यहां बंगाल टाइगर, जंगली सूअर, स्लोथ भालू, सांभर, हिरण, चितल, नीलगाय आदि को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां कई पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं।
#जगदहवां_डैम
मुंडेश्वरी मंदिर से पश्चिम की ओर 6 किलोमीटर की दूरी पर भगवानपुर और चैनपुर के बॉर्डर पर यह डैम स्थित है । यह लगभग 1 से 2 किलोमीटर के दूरी में फैला हुआ हैं। यह सिचाई के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है, इस डैम से नहर के माध्यम से सिचाई की जाती हैं। यह नहर अंत मे गेहुँआ नदी में मिल जाती हैं और गेहुँआ नदी आगे जाकर कर्मनाशा नदी में जा मिलती हैं।
#दुर्गावती
यह कैमुर जिले के दुर्गावती प्रखंड मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 19 (पुराना एनएच 2) पर भभुआ शहर के उत्तर में सड़क से 30.6 किमी पर बसा है। दुर्गावती मोहनिया के बगल में कैमुर जिले में परिवहन मार्गों का केंद्र है। यह शहर दुर्गवती नदी के तट पर है,वास्तव में नदी का नाम इस शहर पर रखा गया है।
#भभुआ
यह कैमूर जिला का मुख्यालय है। भभुआ सुवरा (स्वर्णा) नदी के किनारे बसा है। यह जी टी रोड से १४ किलोमीटर दक्षिण सड़क मार्ग से जुड़ा है। इसका नजदीकी रेल्वे स्टेशन भभुआ रोड है।
#आवागमन
#वायु_मार्ग
यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तथा पटना स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
#रेल_मार्ग
भारत के कई प्रमुख शहरों से कैमूर जिले में रेलमार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।रेलवे स्टेशन भभुआ रोड (मोहनिया) है।
#सड़क_मार्ग
कैमूर सड़कमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से होते हुए कैमूर पहुंचा जा सकता है ।
सटे प्रमुख शहर
वाराणसी, काशी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन, पटना, सासाराम आदि