प्रशांत किशोर
ने कहा कि अब वह जन संपर्क पर ध्यान केंद्रित करेंगे और संगठन चलाने की जिम्मेदारी उदय सिंह और आरसीपी सिंह जैसे लोगों को सौंपेंगे।
uday singh | prashant kishore | patna |
अध्यक्ष बनने के बाद प्रशांत किशोर के गले मिलते उदय सिंह (PTI PHOTO)
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा की। प्रशांत किशोर ने जानकारी देते हुए कहा कि भाजपा के पूर्व सांसद उदय सिंह को सर्वसम्मति से पार्टी का पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अब वह जन संपर्क पर ध्यान केंद्रित करेंगे और संगठन चलाने की जिम्मेदारी उदय सिंह और आरसीपी सिंह जैसे लोगों को सौंपेंगे। दोनों नेता रविवार को पार्टी में शामिल हुए थे।
मैं अब अपनी पदयात्रा फिर से शुरू कर सकता हूं- उदय सिंह
प्रशांत किशोर ने कहा, “मैं अब कल से बिहार में अपनी पदयात्रा फिर से शुरू कर सकता हूं।” प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि उदय सिंह, (जो पार्टी को लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं) को गठित एक समिति द्वारा केवल बहुमत से नहीं, बल्कि सर्वसम्मति से चुना गया है।” पिछले साल 2 अक्टूबर को गठित जन सुराज पार्टी तब से बिना किसी पूर्ण अध्यक्ष के काम कर रही थी। प्रशांत किशोर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने पास कोई पद नहीं रखेंगे। बता दें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी मनोज भारती को पार्टी की स्थापना के तुरंत बाद कार्यकारी अध्यक्ष नामित किया गया था।
कौन हैं उदय सिंह?
अब लोग जानना चाह रहे हैं कि उदय सिंह कौन हैं? दरअसल उदय सिंह पूर्णिया से दो बार के सांसद रह चुके हैं। उन्हें क्षेत्र में लोग पप्पू सिंह के नाम से भी जानते हैं। बता दें कि प्रशांत किशोर ने खुद स्वीकार किया कि उदय सिंह पिछले दो सालों से हमारे अभियान को मजबूत समर्थन दे रहे हैं। उदय सिंह पूर्णिया से बीजेपी के टिकट पर दो बार सांसद रहे हैं। पहली बार उदय सिंह 2004 में और दूसरी बार 2009 में सांसद बने थे। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में वह हार गए।
बीजेपी से 2 बार रह चुके हैं सांसद
उदय सिंह 2014 में बीजेपी के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। उसके बाद उदय सिंह ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से उन्होंने चुनाव लड़ा। हालांकि चुनाव में उनकी करारी हार हुई। पूर्णिया से उदय सिंह 2024 में भी टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन यह सीट आरजेडी के खाते में चली गई। इसके बाद उन्होंने पार्टी
छोड़ दिया।