कि राहे मंजिल में चलते हुए, ,, गम चुनता हूं ,खुशियों को चुनना छोड़ दिया मैंने ,मेरी नाकामी पर कल आसमा हंस रहा था जमीन पर आइना बिछाया ठोकर मार कर के तोड़ दिया मैंने
हमारे यहां, , फ्राइडे ,संडे, मंडे नहीं होला, हमारे लिए हफ्ता सुख और सनीचर इतवार होता है बर्गर और पिज़्ज़ा चाऊमीन इस शहर वाले के लिए नखरे वखरे है, हमारे लिए तो खाना लिट्टी चोखा और आचार होता है शहर वाले प्यार करके टूट जाते हैं ,और जब हमारा दिल टूटता टूटा है तो सीधे यूपीएससी सवार होता है
आना मेरे गांव में दिखाएंगे तुमको कैसे सूरज और जमीन से प्यार होता है और कितनी खूबियां है मेरे बिहार मैं ,,, तब जाकर बिहार बिहार होता है